आज है कार्तिक महीने की पूर्णिमा जिसका हिन्दू समाज की हर महिला बेसब्री से इंतजार करती है जिसको हम सब करबा चौथ के नाम से जानते हैं, हर महिला सुबह उठते ही अपने ब्रत से सम्बंधित सभी तैयारियां करने लगती है और मन ही मन भगवान से अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती रहती हैं
बेसब्री से इंतजार रहता है शाम होने का और शाम होते ही महिलाएं जुट जाती हैं अच्छे अच्छे पकवान बनाने में, और पूजा का सामान एकत्रित करने में,
चाँद निकलते ही महिलाएं सबसे पहले अपने आराध्य की पूजा करती है उसके बाद चन्द्रमा की
चन्द्रमा को छलनी में से देखा जाता है उसके बाद वही पर पति को भी उसी छलनी में से देखा जाता है उसके बाद पति की आरती उतारी जाती है
उसके बाद पतिदेव अपनी पत्नी को अपने हाथों से पानी पीला कर पत्नी का उपबास खुलबाते है, और पत्नी हर समय भगवान से यही बिनती करती है कि उसके पति कि उम्र हजारों साल हो
पूरे दिन के इंतजार के बाद अब समय आता है रात्रि भोजन का तो हर राज्य में अपने अपने तरीके का भोजन किया जाता है.
बेसब्री से इंतजार रहता है शाम होने का और शाम होते ही महिलाएं जुट जाती हैं अच्छे अच्छे पकवान बनाने में, और पूजा का सामान एकत्रित करने में,
चाँद निकलते ही महिलाएं सबसे पहले अपने आराध्य की पूजा करती है उसके बाद चन्द्रमा की
चन्द्रमा को छलनी में से देखा जाता है उसके बाद वही पर पति को भी उसी छलनी में से देखा जाता है उसके बाद पति की आरती उतारी जाती है
उसके बाद पतिदेव अपनी पत्नी को अपने हाथों से पानी पीला कर पत्नी का उपबास खुलबाते है, और पत्नी हर समय भगवान से यही बिनती करती है कि उसके पति कि उम्र हजारों साल हो
पूरे दिन के इंतजार के बाद अब समय आता है रात्रि भोजन का तो हर राज्य में अपने अपने तरीके का भोजन किया जाता है.
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